भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे होने वाले अचानक कंपन के कारण होता है। ये कंपन पृथ्वी की परतों में मौजूद तनाव के कारण होते हैं।
पृथ्वी की सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार गतिशील रहती हैं और एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे को रगड़ती हैं या टकराते हैं तो उनमें तनाव उत्पन्न होता है।
यह तनाव सहन करने से अधिक हो जाता है, तो प्लेटें अचानक खिसक जाती हैं। इस खिसकने के कारण पृथ्वी की सतह में कंपन होता है, जिसे भूकंप कहते हैं।
भूकंप के मुख्य कारण: टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता: पृथ्वी की सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार गतिशील रहती हैं और एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे को रगड़ती हैं या टकराते हैं तो उनमें तनाव उत्पन्न होता है। जब यह तनाव सहन करने से अधिक हो जाता है, तो प्लेटें अचानक खिसक जाती हैं। इस खिसकने के कारण पृथ्वी की सतह में कंपन होता है, जिसे भूकंप कहते हैं।
ज्वालामुखी विस्फोट: ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान पृथ्वी की सतह से लावा, धुआं और गैसें बाहर निकलती हैं। यह गतिविधि पृथ्वी की सतह में कंपन पैदा कर सकती है, जिसे भूकंप कहते हैं।
अन्य कारण: भूकंप के अन्य कारणों में भूस्खलन, जलविद्युत परियोजनाएं, परमाणु परीक्षण और अंतरिक्ष में उल्कापिंडों की टक्कर शामिल हैं।
भूकंप की तीव्रता: भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल एक 1 से 9 तक का पैमाना है। 1 तीव्रता वाला भूकंप बहुत हल्का होता है और इसे महसूस नहीं किया जा सकता है। 9 तीव्रता वाला भूकंप बहुत विनाशकारी होता है और इसमें बड़े पैमाने पर तबाही हो सकती है।
भूकंप के प्रभाव: भूकंप के प्रभाव बहुत विनाशकारी हो सकते हैं। भूकंप से इमारतें, पुल और अन्य संरचनाएं गिर सकती हैं। भूकंप से भूस्खलन भी हो सकता है, जिससे जनहानि और धन की क्षति हो सकती है। भूकंप से सुनामी भी आ सकती है, जो समुद्र के किनारे के क्षेत्रों में तबाही मचा सकती है।