चंद्र ग्रहण पड़ने का क्या है असली कारण? 

Created By: Kartikey

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।

इस स्थिति में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा का प्रकाश मंद पड़ जाता है या पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है।

चंद्र ग्रहण दो प्रकार के होते हैं:  1.  पूर्ण चंद्र ग्रहण: इस प्रकार के चंद्र ग्रहण में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा के पूरे भाग को ढकती है।

2. अपूर्ण चंद्र ग्रहण: इस प्रकार के चंद्र ग्रहण में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा के केवल एक हिस्से को ढकती है।

चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दिन ही हो सकता है। इसका कारण यह है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी से सबसे करीब होता है।

चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का रंग लाल या भूरा दिखाई देता है। इसका कारण यह है कि सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की वायुमंडल में मौजूद धूल और गैसों द्वारा फैला दिया जाता है।

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह किसी भी तरह से नकारात्मक प्रभाव डालता है। हालांकि, कई संस्कृतियों में चंद्र ग्रहण को एक अशुभ संकेत माना जाता है।

चंद्र ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखने के लिए, विशेष चश्मे या दूरबीन का उपयोग करना चाहिए। बिना सुरक्षात्मक उपकरणों के चंद्र ग्रहण को देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।